आपकी जरूरत की खबर
सामान्यतः ठंड के दिनों में किसी भी उम्र में सर्दी-खांसी का प्रकोप बढ़ जाता है। लेकिन आजकल आपने देखा होगा कि आप भी, आपके परिवार में, आपके कार्यालय में, आपके आसपास लोग हल्का सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं। नहीं भी हैं तो हल्का-हल्का ठसक लेकर खांस रहे हैं। ऐसा क्यों…………
चलिए आज इस संडे आपकी जरूरत की खबर में जानते हैं, इस प्रकार की सर्दी-जुकाम-खांसी से ठीक होने-बचने की पूरी जानकारी।
- सर्दियों में ही वायरल इन्फेक्शन का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
सामान्यतः सर्दियों की हवा में नमी रहती है। इस कारण बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। धूप की तीव्रता कम होती है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इस कारण से वायरल इन्फेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
- किन्हीं सर्दी-जुकाम का खतरा अधिक रहता है?
बच्चों, बुर्जुग किसी अन्य व्याधि से ग्रस्त व्यक्ति को सर्दी-जुकाम होने का खतरा अधिक रहता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे भी बहुत जल्द संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
- वायरल इन्फेक्शन से कैसे बचें?
अपने आसपास हाइजीन रखें। अधिक भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें या मास्क लगाकर जाएं। गर्म भोजन ही करें। हाथों को दिनभर में कई बार धोते रहें। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। गर्म कपड़े पहनें। नियमित अंतराल पर बेडसीट, तकिया कवर बदलते रहें। गर्म कपड़ों की भी सफाई नियमित अंतराल पर जरूरी है। भूलकर भी गंदे कपड़ें न पहनें।
- अगर सर्दी-जुकाम हो जाए तो क्या करें?
सामान्य रूप से सर्दी-जुकाम है, तो आप घरेलू उपाय कर सकते हैं।
1. नाक बंद होने पर गर्म पानी से भाप लें। एक बाउल गर्म पानी लें। सिर को एक काॅटल टाॅवेल से ओढ़ लें। इसके बाद बर्तन का ढक्कन हटाकर 5 से 10 मिनट तक भाप ले सकते हैं। भाप से नाक में जमा म्यूकस ढीला हो जाता है और नाक खुल जाता है।
2. नमक पानी का गरारा करें। एक कप गर्म पानी में एक चैथाई चम्मच नमक घोलकर गरारे कर सकते हैं। इससे गले के खराश में काफी आराम मिलता है।
3. विटामिन सी से भरपूर डाइट लें। संतरा, नींबू, आंवला को अपनी डाइट में शामिल करें। इससे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होगा साथी ही वायरल इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है।
4. अदरक-तुलसी वाली चाय पीएं। यह एंटी बैक्टीरियल और एंटी-इनफलेमेटरी होता है। यह शरीर में जमे कफ को भी बाहर निकालता है। साथ ही गले की खराश में भी आराम दिलाता है।
उपर्युक्त उपाय सावधानी से व विशेषज्ञ की देखरेख में करें। संक्रमण अधिक होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।