रायपुर।छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक को रोकने की तैयारी पूरी कर ली गई है। रायपुर , बिलासपुर , दुर्ग , बस्तर और सरगुजा संभागों में मुख्य चौराहों, फ्लाईओवर और हाईवे पर कांग्रेस कार्यकर्ता नाकेबंदी करेंगे।
रायपुर में VIP रोड स्थित श्रीराम मंदिर चौक, करेंसी टावर के पास, धरसींवा, धनेली, मैग्नेटो मॉल, अभनपुर और आरंग टोल प्लाजा जैसे स्थानों पर सड़कें पूरी तरह से जाम रहने की संभावना है। वहीं बिलासपुर में सकरी-पेंड्रीडीह फ्लाईओवर के नीचे आंदोलनकारी जुटेंगे, जिससे रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो सकती है।
स्कूल बस और एम्बुलेंस को रहेगी छूट
हालांकि कांग्रेस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि स्कूल बसें ( और एम्बुलेंस सेवाएं इस नाकेबंदी से मुक्त रहेंगी। लेकिन फिर भी दोपहर के समय यात्रा करने वाले आम नागरिकों, ऑफिस जाने वालों, व्यापारियों और दूर-दराज से आने-जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बस्तर, सरगुजा, रायगढ़ और जशपुर में भी आंदोलन
जगदलपुर के आमागुड़ा चौक, अंबिकापुर में BTI के पास, रायगढ़ में कोतरा रोड ओवरब्रिज, जांजगीर-चांपा में तरौंद चौक, जशपुर में कांसाबेल मार्ग सहित कई इलाकों में भी चक्काजाम किया जाएगा।
कांग्रेस का आरोप: “राजनीतिक साजिश है गिरफ्तारी”
कांग्रेस का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव और खुद भूपेश बघेल प्रदर्शन में शामिल रहेंगे। पार्टी ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए 12 वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न जिलों का प्रभारी नियुक्त किया है।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी
18 जुलाई को ED ने चैतन्य बघेल को भिलाई से गिरफ्तार किया। एजेंसी का दावा है कि चैतन्य को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े 16.70 करोड़ रुपए मिले, जिसे उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया।
चैतन्य की कल अदालत में होगी पेशी
शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी मंगलवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश करेगी। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनकी रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग करेगा। अभी चैतन्य ईडी की 5 दिन की कस्टडी में हैं, जो 22 जुलाई तक है।
चैतन्य की पेशी से पहले कल सोमवार को ED ने प्रेस रिलीज जारी किया, जिसमें दावा किया गया है कि शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले थे, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया। यह पैसा उनके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में नकद भुगतान और बैंक एंट्रीज के जरिए इस्तेमाल किया गया। ED के अनुसार, ये धनराशि ब्लैक मनी थी, जिसे फर्जी निवेश के जरिए वाइट मनी में बदलने का प्रयास किया गया।
1000 करोड़ से ज्यादा की रकम की हेराफेरी का आरोप
ED द्वारा कोर्ट में पेश किए गए रिमांड एप्लिकेशन में बताया गया है कि चैतन्य बघेल ने अनवर ढेबर, दीपेन चावड़ा, केके श्रीवास्तव और पप्पू बंसल जैसे लोगों के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए से अधिक ब्लैक मनी की हैंडलिंग की। पूछताछ में पप्पू बंसल ने यह स्वीकार किया है कि उसे इस घोटाले से सिर्फ 3 महीने में 136 करोड़ रुपए की रकम मिली।
बचाव पक्ष ने कहा – गिरफ्तारी में कोई वैधानिक प्रक्रिया नहीं
चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने कोर्ट में कहा कि ED ने उनके मुवक्किल को एक बार भी समन नहीं भेजा। मार्च में हुई रेड में सभी दस्तावेज व डिवाइस एजेंसी को दे दिए गए थे और चैतन्य ने जांच में पूरा सहयोग किया। लेकिन इसके बावजूद बिना बयान लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। वकील का कहना है कि चैतन्य का “अपराध” सिर्फ इतना है कि वो एक पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा है।