रायपुर।न्यायालय के आदेश के बाद बर्खास्त किए गए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के समायोजन को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस अब लगभग समाप्ति की ओर है। शुक्रवार को इस विषय पर बनी पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की दूसरी बैठक आयोजित की गई, जिसमें बीएड शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत “सहायक शिक्षक – विज्ञान प्रयोगशाला” पद पर समायोजित करने का प्रस्ताव सामने रखा गया। बताया जा रहा है कि बैठक में किसी भी सदस्य ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला है कि समायोजन की दिशा में अब ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
इस उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव अमिताभ जैन कर रहे हैं, जबकि अन्य सदस्यों में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, वित्त सचिव मुकेश बंसल, सामान्य प्रशासन सचिव अविनाश चंपावत और विधि सचिव रजनीश श्रीवास्तव शामिल हैं। यह समिति बर्खास्त शिक्षकों के समायोजन के लिए नियुक्त की गई थी, ताकि उचित और विवादरहित समाधान निकाला जा सके।
शासन इस विषय में सकारात्मक रुख अपनाए हुए है, लेकिन नियमों की जटिलताओं के कारण अंतिम निर्णय में देरी हो रही है। सरकार इस प्रयास में है कि समायोजन कानूनी रूप से मजबूत आधार पर हो, जिससे भविष्य में किसी प्रकार की विधिक चुनौती का सामना न करना पड़े। इसके लिए विधि विशेषज्ञों से भी सलाह ली जा रही है।
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के रिक्त पदों की जानकारी समिति द्वारा पहले ही एकत्र की जा चुकी है। अब केवल नियुक्ति प्रक्रिया के लिए वैध मार्ग तय किया जा रहा है।
इस बीच, प्रशासन ने बर्खास्त शिक्षकों से संयम बरतने की अपील की है। ज्ञात हो कि ये शिक्षक दिसंबर माह से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे शासन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। कुछ अवसरों पर प्रदर्शन उग्र भी हो चुका है। प्रशासन चाहता है कि किसी भी प्रकार की अस्थिरता न उत्पन्न हो और शिक्षकों के हितों की रक्षा करते हुए समाधान निकाला जाए।
गौरतलब है कि इन बीएड शिक्षकों की सेवा समाप्त कर उनके स्थान पर डीएलएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों की नियुक्ति की जा रही है। कई जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शेष में अंतिम चरण में है।
अब सभी की निगाहें समिति के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं, जो आगामी दिनों में बीएड शिक्षकों के लिए नई उम्मीद लेकर आ सकता है।