रायपुर।एक दशक बाद फिर से बीएड दो की जगह एक साल का होने जा रहा है। एनसीटीई ने इस कोर्स की घोषणा करने के साथ ही अगले माह मार्च में गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर ली है।
एक वर्षीय बीएड में एडमिशन के लिए अनिवार्य शर्त में कैंडिडेट को नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय यूजी कोर्स करना होगा। तीन साल का यूजी करने वालों के लिए बीएड दो साल का ही रहेगा। इसका फायदा उन स्टूडेंट्स को मिलेगा जो शिक्षण के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। टीचर एजुकेशन पॉलिसी में यह बदलाव सत्र 2026-27 से लागू होगा। मालूम हो, 2015 तक ग्रेजुएशन के बाद एक वर्षीय बीएड ही होता था लेकिन, एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) ने इसे बढ़ाकर दो साल का कर दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद से बीएड की अवधि दोबारा कम करने पर विचार किया जा रहाथा। हालांकि, अब दो वर्षीय बीएड के साथ एक वर्षीय बीएड को भी शुरू करने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में एनसीटीई ने 2026 से ये कोर्स शुरू करने को हरी झंडी दे दी है।
पीजी कर चुके कैंडिडेट्स को भी एक वर्षीय बीएड में एडमिशन देने पर विचार किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि एक वर्षीय बीएड होने से छात्रों को फायदा होगा। दो वर्षीय बीएड की तरह ही इसकी भी डिमांड रहेगी। गौरतलब है कि राज्य में करीब 146 बीएड कॉलेज हैं। यहां दो वर्षीय बीएड की 14400 सीटें हैं।