डोंगरगांव(दीपक अवस्थी)। नगर पंचायत उपाध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में भाजपा ने रोहित गुप्ता को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंहदेव के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जगदीश रोहरा ने यह कार्रवाई की। गुप्ता पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का आरोप था।
*अध्यक्ष पर भी मंडरा रहा खतरा*
सूत्रों के मुताबिक, नगर पंचायत अध्यक्ष अंजू त्रिपाठी पर भी कार्रवाई के संकेत मिले हैं। उन्होंने भी उपाध्यक्ष चुनाव में रोहित गुप्ता का समर्थन किया था, जबकि पार्टी ने पुरुषोत्तम साहू को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। अब भाजपा में इस बात की जोरदार चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व अध्यक्ष पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।
*10 मार्च को हुआ था चुनाव, समीकरण बदले*
डोंगरगांव नगर पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव 10 मार्च को हुआ था, जिसमें 15 पार्षदों ने भाग लिया। इसमें अध्यक्ष अंजू त्रिपाठी सहित 12 भाजपा और 3 कांग्रेस के पार्षद थे। रोहित गुप्ता ने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, जिससे पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ गई।
*पुरुषोत्तम साहू की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई*
उपाध्यक्ष पद के आधिकारिक प्रत्याशी पुरुषोत्तम साहू ने इस पूरे मामले की शिकायत हाईकमान से की थी, जिसके बाद पार्टी ने रोहित गुप्ता को निष्कासित कर दिया। अब अध्यक्ष अंजू त्रिपाठी की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है।
*नगर पंचायत में बढ़ी हलचल*
रोहित गुप्ता के निष्कासन और अध्यक्ष अंजू त्रिपाठी पर मंडरा रहे खतरे के बाद नगर पंचायत की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा के इस सख्त रुख से संगठन में अनुशासन को लेकर कड़ा संदेश गया है। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व आगे क्या कदम उठाता है और नगर पंचायत की राजनीति किस ओर जाती है।