राजनांदगांव | डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती एवं सामाजिक समरसता दिवस कार्यक्रम में सीएम विष्णुदेव साय व गृहमंत्री विजय शर्मा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पंचायत के सभा कक्ष में शामिल हुए। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सभी को भारत के संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया।
डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती एवं सामाजिक समरसता दिवस के अवसर पर जिले के 40 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केन्द्र के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच और सीएससी के व्हीएलई सर्विस प्रदाता के मध्य एमओयू किया गया। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल को पंचायत राज दिवस के अवसर पर अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र के शुभारंभ की जानकारी प्रदान की गई।
जिले में पात्र परिवार को आवास प्लस 2.0 में नाम जोड़ने के लिए विशेष पखवाड़ा मोर दुवार, साय सरकार महाअभियान के तहत 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सर्वेक्षण किया जाना है। प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास एम्बेसडर नियुक्त किया गया है एवं आने वाले समय में शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों में आवास एम्बेसडर नियुक्त किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई। अध्यक्ष जिला पंचायत किरण वैष्णव ने कहा कि अंबेडकर द्वारा देश हित में किए गए कार्यों को स्मरण करने के लिए हम सभी उपस्थित हुए है।
समाज के सभी वर्गों के उत्थान का काम किया उपाध्यक्ष जिला पंचायत किरण साहू ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने बहुत संघर्ष करते हुए समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया। बाबा साहेब को भारतीय संविधान के शिल्पकार के रूप में याद किया जाता है। लोकतंत्र के सबसे बड़ी नींव के रूप में संविधान है। भारतीय लोकतंत्र में नागरिकों को जो मौलिक अधिकार प्राप्त हुए है, उनका श्रेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर को जाता है। बाबा साहेब ने समाज को शिक्षित बनो, संघर्ष करों और संगठित रहो का नारा दिया था, जिसका हम सभी को अनुसरण करना चाहिए।
संविधान से ही शक्ति व अधिकार मिले: अग्रवाल कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमारे देश का लिखित संविधान बनाया है। इस संविधान में देश के एक-एक व्यक्तियों को अपनी शक्ति एवं अधिकार मिले है। इस संविधान के तहत सभी को एक समान अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपना जीवन संघर्षों से शुरू किया। बाबा साहब अर्थशास्त्र में पूरे देश में प्रथम पीएचडी धारी बने। उन्होंने भारत के संविधान को बनाने में कई देशों के संविधानों का अध्ययन किया और देश की परिस्थितियों के अनुरूप हमारा संविधान बनाया गया।