दीपक अवस्थी – विशेष रिपोर्ट
प्रदेश एक हर जिले के नंबर प्लेट के रेट अलग अलग
राजनांदगांव ।छत्तीसगढ़ में वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य की गई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) योजना अब विवादों के घेरे में है। आरोप है कि सरकार द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन में भारी भेदभाव बरता गया है। एक ओर जहां राज्य के कुछ जिलों में यह सेवा सस्ती दरों पर दी जा रही है, वहीं राजनांदगांव जैसे जिलों में जनता से अनावश्यक रूप से अधिक शुल्क वसूला जा रहा है। इससे न केवल आर्थिक असमानता पैदा हुई है, बल्कि प्रशासन की नीयत और नीति दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार ने एक ही राज्य में एक ही सेवा के लिए दो अलग-अलग कंपनियों से अनुबंध कर लिए — और उन कंपनियों ने अपने-अपने जोन में अलग-अलग दरें लागू कर दीं। इस असमान दर निर्धारण का सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है राजनांदगांव जिले को, जहां के वाहन मालिकों से अनुमानतः ₹2.85करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली होगी।
राजनांदगांव बनाम कवर्धा – दो जिले, दो दरें, एक सवाल
राजनांदगांव और कवर्धा भौगोलिक दृष्टि से एक-दूसरे से सटे हुए जिले हैं, लेकिन प्रशासन ने इन्हें दो अलग-अलग जोन में बांटकर HSRP के शुल्क में स्पष्ट भेद किया है।
• कवर्धा (कबीरधाम) को जोन ए में रखा गया है, जहां सेवा दरें कम हैं।
• वहीं राजनांदगांव को जोन बी में शामिल कर उसी सेवा के लिए अधिक शुल्क वसूला जा रहा है।
वाहनश्रेणी. कवर्धा (₹) राजनांदगांव (₹). अंतर दोपहिया 365.80 483.80 118
तीन पहिया 427.16 545.16 118
चार पहिया. 656.08 783.80 127
भारी वाहन 705.64 823.64 118
राजनांदगांव: वाहन और वसूली का पूरा हिसाब
राजनांदगांव जिले में कुल 2,41,000 पंजीकृत वाहन हैं। नीचे तालिका में श्रेणीवार संख्या, प्रति वाहन अतिरिक्त शुल्क और कुल अनुमानित अतिरिक्त वसूली दर्शाई गई है:
वाहनश्रेणी अनुमानित अतिरिक्तशुल्क अतिरिक्तवसूली वाहन संख्या
दोपहिया 1,98,000 118 2,33,64,000
कार 6,641 128 8,50,048
जेसीबी 668 128 85,504
ऑटो /ईरिक्शा. 2,327 118 2,74,586
ट्रैक्टर 18,794 118 22,17,692
बस. 241 118 28,438
भारी वाहन. 14,264 118 16,83,152
कुल वाहनों
की संख्या. 2,40,935 2,85,03,420
यह आंकड़े परिवहन विभाग राजनांदगांव के मुताबिक
सरकारी तर्क बनाम जन भावना
परिवहन विभाग के अपर आयुक्त डी. रविशंकर ने बयान दिया है कि यह दरों में अंतर दो अलग कंपनियों से अनुबंध होने की वजह से है। एक कंपनी (रियल मेज़ान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) जोन ए में कार्यरत है और दूसरी (रोजिन सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड) जोन बी में। लेकिन सवाल यह है कि क्या अलग कंपनियों से अनुबंध का मतलब यह होना चाहिए कि एक ही सेवा के लिए अलग-अलग दरें वसूली जाएं?
जनता और सामाजिक संगठनों में आक्रोश
स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने इस नीति को स्पष्ट भेदभावपूर्ण और जन विरोधी बताया है। उनका कहना है कि यह नीति न केवल आर्थिक रूप से अनुचित है, बल्कि यह प्रशासन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती है