Tuesday, July 29, 2025
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    राजिम कुंभ कल्प का आज 12 फरवरी से शुभारंभ

    राजिम।राजिम कुंभ कल्प का आज 12 फरवरी से शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपनी आस्था प्रकट की। यह महापर्व माघ पूर्णिमा से शुरू होकर महाशिवरात्रि  तक चलेगा। श्रद्धालुओं ने नदी तट पर बालू से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने त्रिवेणी संगम में दीपदान कर अपने मनोकामना की प्रार्थना की।

     

    कुलेश्वरनाथ मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

     

    कुंभ कल्प के पहले दिन ही कुलेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन कर अपने जीवन में सुख और शांति की कामना की।

     

    आज शाम होगा विधिवत उद्घाटन

     

    राजिम कुंभ कल्प का विधिवत उद्घाटन आज शाम मुख्य मंच से किया जाएगा। इस अवसर पर कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

     

    महत्वपूर्ण तिथियाँ:

     

    माघ पूर्णिमा: 12 फरवरी

     

    महाशिवरात्रि: 26 मार्च

    छत्तीसगढ़ के राजिम में 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक कुंभ कल्प का भव्य आयोजन होने जा रहा है, जिसे प्रयाग के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष यह धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 52 एकड़ क्षेत्र में बने नए मेला स्थल पर होगा। इसकी तैयारियां पूरी हो गई है। आज सुबह ही बड़ी संख्‍या में भक्‍त पहुंचे हैं। यहां शाही स्नान, गंगा आरती, संत समागम जैसे प्रमुख आयोजनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

     

    राजिम कुंभ में प्रमुख स्‍नान

     

    बता दें कि माघी पुन्नी स्नान (12 फरवरी), जानकी जयंती (21 फरवरी) पर संत समागम और शाही स्नान (26 फरवरी) के आयोजन की तैयारियां की गई है। कुंभ की शुरुआत आज 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन से हो रही है। इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। यह आयोजन पैरी, महानदी और सोंढूर नदी के संगम स्थल पर होगा, जहां श्रद्धालु इन पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य प्राप्त करेंगे।

    राजिम कुंभ कल्प 2025 एक अद्वितीय धार्मिक, सांस्कृतिक और आस्थामय  आयोजन है, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करता है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने साथ यहां की यादे संजोकर ले जाते हैं। छत्‍तीसगढ़ की संस्‍कृति की झलक भी यहां दिखती है। यहां लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं और पुण्‍य स्‍नान करते हैं।

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