पिथौरा।पिथौरा विकासखण्ड के शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर वित्तीय अनियमितता, कर्तव्यहीनता और शासन के नियमों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पिथौरा विकासखण्ड के शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर वित्तीय अनियमितता, कर्तव्यहीनता और शासन के नियमों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं।
जारी जांच रिपोर्ट के अनुसार, के.के. ठाकुर ने फोरलेन सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी की भूमि के एवज में शासन से प्राप्त 16 लाख 61 हजार 163 रुपए की मुआवजा राशि बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के दो साल तक अपने पास रखी। यह कृत्य न केवल वित्तीय संहिताओं का उल्लंघन है बल्कि शासन की संपत्ति के दुरुपयोग की श्रेणी में भी आता है।
अनुपस्थिति के समय का वेतन भी लिया
जांच में यह भी सामने आया कि ठाकुर ने अवकाश स्वीकृत कराए बिना ही अनुपस्थित रहे। इस अवधि का वेतन भी निकाला। यह सीधा-सीधा छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता, कोषालय संहिता, और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है। इस पर राज्य शासन ने के.के. ठाकुर के आचरण को गंभीर कदाचार मानते हुए, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबन कर दिया है। इस अवधि में ठाकुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय महासमुंद में अपनी सेवाएं देंगे।