2013 में एलेक्स लुईस को लगा कि उसे बस साधारण फ्लू हुआ है, और उसने सोचा कि कुछ दिन आराम करने से वह ठीक हो जाएगा।
लेकिन हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ने लगी। उसकी त्वचा नीली-बैंगनी पड़ने लगी, और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि यह फ्लू नहीं था, बल्कि उसे स्ट्रेप ए (Strep A) नामक एक गंभीर संक्रमण हो गया था, जिसने सेप्टीसीमिया (एक खतरनाक रक्त संक्रमण) का रूप ले लिया था।
स्थिति इतनी खराब थी कि डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसके बचने की संभावना केवल 3% है।
हालात और बिगड़ गए। अस्पताल ने तो यहाँ तक सोच लिया कि उसका लाइफ सपोर्ट बंद कर दिया जाए, क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह ज़िंदा बचेगा।
फिर एलेक्स को बताया गया कि अगर वह जीना चाहता है, तो उसे अपने दोनों हाथ-पैर और चेहरे का एक हिस्सा गंवाना पड़ेगा।
एलेक्स ने सर्जरी के लिए सहमति दे दी, और शुक्र है, सभी सर्जरी सफल रहीं।
हर उम्मीद के खिलाफ, एलेक्स ने ज़िंदगी की जंग जीत ली।
अगले वर्षों में एलेक्स ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।
बल्कि उसने यहाँ तक कहा कि जिस साल ये सब हुआ, वह उसकी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन साल था।
– एक सच्ची कहानी जो हिम्मत, स्वीकार्यता और जीवन से प्यार करना सिखाती है।