दुर्ग। छत्तीसगढ़ पुलिस के ‘ऑपरेशन तलाश’ अभियान ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। दुर्ग जिले के भिलाई भट्टी थाना क्षेत्र से वर्ष 2003 में गुम हुए बालक राज किरण रेड्डी को पुलिस ने 22 साल बाद सकुशल दस्तयाब कर लिया है। इस खबर ने पूरे क्षेत्र में भावनात्मक माहौल बना दिया, जब वर्षों बाद बेटे को पाकर माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, राज किरण रेड्डी, जो अब 38 वर्ष के हैं, वर्ष 2003 में मात्र 16 वर्ष की उम्र में लापता हो गए थे। घटना 30 मई 2003 की है, जब वह दोपहर 12 बजे “ट्यूशन जा रहा हूं” कहकर घर से निकले थे और फिर वापस नहीं लौटे। उस समय वह दसवीं कक्षा का छात्र था। बताया गया कि परीक्षा में कम अंक आने पर पिता की डांट से क्षुब्ध होकर वह गुस्से में घर से निकल गया था।परिजनों द्वारा दर्ज शिकायत पर भिलाई भट्टी थाने में गुम इंसान क्रमांक 10/2003 दर्ज किया गया था। चूंकि बालक नाबालिग था, और कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी, पुलिस ने अपहरण की आशंका के तहत वर्ष 2014 में अपराध क्रमांक 180/2014 धारा 363 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया था। उसके बाद पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों, समाचार पत्रों, दूरदर्शन व आकाशवाणी जैसे विभिन्न माध्यमों से तलाश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालांकि, ‘ऑपरेशन तलाश’ के तहत 1 जून से 10 जून 2025 तक चलाए गए विशेष अभियान के दौरान जब पुलिस ने देशभर में लापता लोगों की खोजबीन शुरू की, तब एक बड़ी सफलता हाथ लगी। 11 जून 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि राज किरण रेड्डी अपने माता-पिता के पास घर लौट आया है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर गुमशुदा युवक का बयान दर्ज किया और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे दस्तयाब किया। युवक ने बताया कि वह वर्षों पहले घर छोड़कर चला गया था और बाद में पहचान छुपाकर अलग-अलग शहरों में मजदूरी और अन्य काम कर जीवन बिताता रहा। लेकिन वर्षों बाद जब माता-पिता की याद सताई, तो लौटने का फैसला किया। इस पूरी कार्रवाई में थाना भिलाई भट्टी के निरीक्षक राजेश कुमार साहू, सउनि भारत चौधरी एवं आरक्षक जी. जगमोहन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ‘ऑपरेशन तलाश’ की सफलता का यह एक मार्मिक उदाहरण है, जिसमें तकनीकी सहयोग के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी प्राथमिकता दी गई। राज किरण रेड्डी के घर लौटने की खबर सुनते ही पड़ोसियों और रिश्तेदारों का उनके घर पर तांता लग गया। परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज उनका परिवार फिर से पूरा हो गया है।