कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में 2017 में हुए डॉक्टर दंपती हत्याकांड की गुत्थी 8 वर्षों बाद आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। डॉ. गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी की रहस्यमयी हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है — हत्या किसी बाहरी हमलावर ने नहीं, बल्कि डॉक्टर का पुराना ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू ही शामिल निकला, और सबसे चौंकाने वाली बात ये कि डॉ. उषा की हत्या खुद उनके पति ने की थी। क्या हुआ था 3 अप्रैल 2017 को? कवर्धा के रामनगर इलाके में रहने वाले डॉक्टर दंपती 6 अप्रैल 2017 को अपने घर के आंगन में लहूलुहान हालत में मृत पाए गए थे। प्रारंभिक जांच में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन साल 2025 में एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के निर्देश पर एएसपी पुष्पेंद्र बघेल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई, जिसने इस 8 साल पुराने केस को सुलझाने में सफलता हासिल की। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या में डॉक्टर के पूर्व ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू का हाथ है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने डॉ. गणेश को करीब 1.80 लाख रुपये उधार दिए थे, जिन्हें कई बार मांगने के बाद भी डॉक्टर ने लौटाया नहीं। इसी तनाव में वह 3 अप्रैल को पैसे मांगने डॉक्टर के घर गया था। उस दिन की घटनाएं उस समय डॉ. गणेश और उनकी पत्नी उषा के बीच जोरदार झगड़ा हो रहा था। सत्यप्रकाश के मुताबिक, विवाद इतना बढ़ा कि डॉक्टर ने गुस्से में पत्नी के सिर पर पत्थर से हमला कर दिया। जवाब में डॉ. उषा ने भी विरोध किया, लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के बाद गिर पड़ीं। डॉक्टर ने दोबारा हमला कर उनकी हत्या कर दी। यह देखकर घबराए सत्यप्रकाश को डर हुआ कि कहीं डॉक्टर उसे भी न मार दे, इसलिए उसने डॉक्टर पर हमला कर उसकी भी हत्या कर दी। सबूत मिटाने की कोशिश हत्या के बाद आरोपी ने खून के धब्बे साफ किए, शवों को आंगन में खींचकर रखा और पूरी रात वहीं रुका। अगली सुबह वह बस से दुर्ग चला गया और डॉक्टर का मोबाइल गंडई में मात्र ₹1900 में गिरवी रख दिया। 4 अप्रैल को उसने अखबार देखा, लेकिन घटना की खबर न देखकर दोबारा 5 अप्रैल को कवर्धा लौटा और मौके का जायजा लिया। 6 अप्रैल को जब मोहल्लेवालों को बदबू आई, तब पुलिस को सूचना मिली और सत्यप्रकाश खुद भीड़ में शामिल होकर मौके पर मौजूद रहा, ताकि शक न हो। अब हुआ गिरफ्तार, पुलिस को मिला इनाम कबीरधाम पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी कर ली है। इस जटिल और वर्षों पुराने केस को सुलझाने पर आईजी अभिषेक शांडिल्य (IPS) ने टीम को ₹30,000 का इनाम और एसपी धर्मेन्द्र सिंह ने ₹10,000 का इनाम देने की घोषणा की है।