डोंगरगांव, 29 मार्च 2025: थाना डोंगरगांव पुलिस ने यूके की माइनिंग कंपनी में निवेश का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी डोंगरगांव के सिनेमा लाइन वर्मा निवास में रहने वाले प्रवीण कुमार बॉम्बेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सितंबर 2024 से फरार था, और पुलिस पिछले छह महीनों से उसकी तलाश कर रही थी।
*ऐप के जरिए किया ऑनलाइन फ्रॉड*
आरोपी ने एंटीफोगस्ता नामक ऐप के जरिए लोगों को भारत सरकार की अधिकृत योजना का हिस्सा बताकर निवेश करने के लिए प्रलोभित किया। उसने दावा किया कि यह कंपनी मोदी सरकार की गरीबी उन्मूलन योजना के तहत कार्यरत है और भारतीय स्टेट बैंक से मान्यता प्राप्त है। इस झांसे में आकर कई लोगों ने निवेश किया, जिनमें प्रार्थी पोखराम साहू ने 1.31 लाख रुपये, पुष्पेंद्र साहू ने 49,000 रुपये, द्विवांशु गंडावी ने 18,200 रुपये का भुगतान किया।
*ठगी का तरीका: ज्यादा मुनाफे का लालच देकर फंसाया*
शुरुआती महीनों में निवेश पर 9% कमीशन दिया गया, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ा। लेकिन सितंबर 2024 के बाद कंपनी ने भुगतान रोक दिया और रिफंड के नाम पर 6000-6000 रुपये टैक्स जमा करने की मांग की। जब निवेशकों ने पैसे नहीं दिए, तो उनकी आईडी ब्लॉक कर दी गई।
*मोबाइल सर्विलांस से पकड़ा गया आरोपी*
थाना प्रभारी अविनाश श्रीवास ने बताया कि मोबाइल सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर उसे डोंगरगढ़ से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते से 1.10 लाख रुपये होल्ड कर लिए हैं, जिन्हें कोर्ट के जरिए पीड़ितों को लौटाने की प्रक्रिया जारी है।
*फर्जी व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर लोगों को फंसाया*
आरोपी ने “इंडिया इंटोफोगास्टा” नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर लोगों को कंपनी के फर्जी दस्तावेज, नीति-नियम और खनन क्षेत्र में निवेश से जुड़े दावे भेजे। इसमें दो और आरोपी वनिता और सेरेना मिचेल भी शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।
*पुलिस की अपील – फर्जी निवेश योजनाओं से बचें*
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनाधिकृत कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।