Monday, July 28, 2025
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    DMF घोटाले के 6 आरोपी कल जेल से आएंगे बाहर

    रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों को हिलाकर रख देने वाले कोल स्कैम और डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस बहुचर्चित मामले में जेल में बंद 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है और उन्हें कल यानी 31 मई को जेल से रिहा किए जाने की संभावना है। हालांकि, कागजी कार्यवाही (पेपर क्लियरेंस) में हुई देरी के चलते आज उन्हें रिहाई नहीं मिल सकी। इन सभी आरोपियों को कल तक बाहर लाए जाने की पुष्टिबचाव पक्ष के वरिष्ठ वकील फैज़ल रिजवी ने की है। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन को अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश और जरूरी दस्तावेजों की मूल प्रति प्राप्त नहीं हुई है, जिसके चलते आज इन आरोपियों को जेल से छोड़ा नहीं जा सका। कौन-कौन होंगे रिहा? सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत प्राप्त करने वालों में राज्य के चर्चित और पूर्व प्रशासनिक व राजनीतिक चेहरे शामिल हैं। इनमें शामिल हैं: रानू साहू – आईएएस अधिकारी, जिनका नाम कोल परिवहन और अवैध वसूली के आरोप में सामने आया था। सौम्या चौरसिया – पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी, लंबे समय से ईडी की जांच के दायरे में। समीर बिश्नोई – सीनियर आईएएस अधिकारी, जिन पर माइनिंग में घोटाले का आरोप है। रजनीकांत तिवारी – कारोबारी, जिनका नाम हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग में सामने आया था। सुनील नायक – ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यापारी, कोल लेवी केस में आरोपी। संदीप जायसवाल – उद्योगपति, जिन पर अवैध धन संचय और हवाला नेटवर्क के संचालन का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, पर रिहाई में देरी सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को इंटरिम बेल देते हुए यह निर्देश दिया था कि वे जांच में सहयोग करें और किसी तरह से साक्ष्य प्रभावित न करें। लेकिन ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया और दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि में विलंब के चलते आज 30 मई को इनकी रिहाई संभव नहीं हो सकी। जेल प्रशासन के अनुसार, उन्हें बेल ऑर्डर की मूल प्रति और न्यायालय से प्राप्त आवश्यक अनुमति दस्तावेजों का इंतजार है। जैसे ही ये दस्तावेज उपलब्ध होंगे, प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।  कौन रहेंगे अभी भी जेल में? जहां 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, वहीं दो अन्य प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर अभी DMF घोटाले और कोल स्कैम के सिलसिले में जेल में ही रहेंगे। दोनों पर मनी लॉन्ड्रिंग, सरकारी प्रभाव का दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति रखने जैसे गंभीर आरोप हैं। इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अभी लंबित है। कोल स्कैम और DMF घोटाला छत्तीसगढ़ में खनिज परिवहन, कोल लेवी और माइनिंग फंड के दुरुपयोग से जुड़ा बहुस्तरीय घोटाला है, जिसमें प्रभावशाली राजनेता, अधिकारी और कारोबारी शामिल रहे हैं। ईडी और अन्य एजेंसियों ने जांच के दौरान करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति, हवाला ट्रांजेक्शन और अवैध लेवी का खुलासा किया था। इसके चलते राज्य की नौकरशाही और राजनीतिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे थे। इन सभी आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम राहत मिली है, लेकिन यह स्थायी जमानत नहीं है। जांच एजेंसियां अब भी इस मामले में गहन पूछताछ और ट्रांजेक्शन ट्रेसिंग में जुटी हुई हैं। यदि इन आरोपियों की भूमिका और गहरी साबित होती है तो जमानत रद्द भी की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि कोई भी आरोपी जांच में बाधा न डाले और किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश न करे।

     

     

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