नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट 2025 (Budget 2025) लोकसभा में पेश कर रही हैं. यह बजट युवाओं से लेकर महिलाओं पर फोकस रखा गया है. वहीं गरीब, मिडिल क्लास और किसानों के लिए भी इस बजट में खास तोहफा दिया गया है. इस बार के बजट में सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास किया है. वहीं बजट से पहले कमर्शियल LPG सिलेंडर के दाम घटा दिए गए हैं. आइए जानते हैं बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ? सस्ता? अब चमड़ा और लेदर के प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे. क्योंकि इसपर इम्पोर्ट ड्यूटी फ्री किया गया है. कपड़ा- एलईडी टीवी सस्ता होगा. मोबाइल, लिथियम बैट्री और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे. केसीसी की लिमिट बढ़ी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब केसीसी की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी. जबकि इससे पहले किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट सिर्फ 3 लाख रुपये थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. सैलरीड कर्मचारियों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये होगी, जिसमें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल है।ॉ
सरकार की विवाद से विश्वास 2.0 योजना के तहत अब तक 33,000 टैक्सपेयर्स ने अपने डायरेक्ट टैक्स विवाद निपटाए हैं. कुल मिलाकर, इस बजट में टैक्सपेयर्स, सीनियर सिटीजंस और स्टार्टअप्स को राहत देने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं.
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स राहत का ऐलान किया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती की सीमा 50 हजार से दोगुनी होकर 1 लाख रुपये की जाएगी।वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि दो घर के मालिकों को भी टैक्स में राहत मिलेगी। रेंट पर टीडीएस की सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।
TCS की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की गई है। TDS की सीमा 6 लाख कर दी गई है। टीडीएस की देनदारी को कम किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए शुद्ध बाजार उधार 11.54 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान। FY25 के लिए राजकोषीय घाटा GDP का 4.8 प्रतिशत, FY26 के लिए 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
नए इनकम टैक्स स्लैब का हुआ ऐलान
0 से 4 लाख रुपये – शून्य,
4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये – 5%,
8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये – 10%,
12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये – 15%,
16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये – 20%,
20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये – 25%
24 लाख रुपये से अधिक – 30%